Bachpan

आज फिर वो बचपन याद आया है

बचपन मे 1 रु. की पतंग के पीछे २ की.मी. तक भागते थे… न जाने कीतने चोटे लगती थी… वो पतंग भी हमे बहोत दौड़ाती थी… आज पता चलता है, दरअसल वो पतंग नहीं थी; एक चेलेंज थी… खुशीओं को हांसिल करने के लिए दौड़ना पड़ता है… वो दुकानो पे नहीं मिलती… शायद यही जिंदगी […]